कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुनील केदार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने मंगलवार को जमानत दे दी। सुनील केदार को पिछले महीने नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में धन के गबन के मामले में दोषी ठहराया गया था। मंगलवार को हाईकोर्ट की न्यायधीश न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी ने केदार द्वारा दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई होने तक सजा को अंतरिम रूप से निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत दे दी। वह फिलहाल नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
नागपुर जिले के सावनेर से पांच बार के विधायक केदार को यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 22 दिसंबर, 2023 को नागपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एनडीसीसीबी) में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में पांच साल जेल की सजा सुनाई थी। पिछले हफ्ते, सत्र अदालत ने दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही उन्हें जमानत देने से भी इनकार कर दिया था। इसके बाद केदार के वकील सुनील मनोहर और देवेन्द्र चौहान ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उनकी अपील में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने कुछ महत्वपूर्ण सबूतों पर विचार करने में गलती की। साथ ही यह भी तर्क दिया गया है कि वह एक वरिष्ठ नागरिक हैं और मुकदमा 21 साल तक चला, जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ा। इसके साथ ही केदार ने कहा कि उन्होंने मुकदमे के दौरान जमानत की सभी शर्तों का पालन किया।
इन धाराओं के तहत दोषी ठहराया गए थे केदार
पांच बार विधायक रहे केदार को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जो कोई भी धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी भी दस्तावेज को वास्तविक के रूप में इस्तेमाल करता है, जिसे वह जानता है), 120 (बी) (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत दोषी ठहराया गया है। छह दोषियों पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।
क्या था पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, एनडीसीसीबी को 2002 में सरकारी प्रतिभूतियों में 125 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, क्योंकि होम ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के जरिए धन का निवेश करते समय नियमों का उल्लंघन किया गया था। केदार तब बैंक के चेयरमैन थे।
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