केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को भारत के सर्दियों के मौसम में पहले आर्कटिक अभियान को हरी झंडी दिखाई। इस अभियान का उद्देशय नॉर्वे के स्वालबार्ड में स्थित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन हिमाद्रि को पूरे साल संचालित रखना है। चार वैज्ञानिकों की एक टीम मंगलवार को अपने अभियान पर रवाना होगी। बता दें कि भारत का रिसर्च स्टेशन नि-ऑलेसंद में स्थित है, जो कि दुनिया के सुदूर उत्तरी छोर पर एक बस्ती है। यहां भारत समेत दुनिया के 10 देशों के रिसर्च स्टेशन मौजूद हैं।
रिसर्च के लिए अहम है ये अभियान
अभियान को हरी झंडी दिखाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक जलवायु और ग्रह के बारे में ज्यादा जानकारी लेने और अनसुलझे रहस्यों के बारे में जानने के लिए पहले शीतकालीन आर्कटिक अभियान पर रवाना होने के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि वैश्विक जलवायु और जैव विविधता पर आर्कटिक के अहम प्रभाव पर अध्ययन करने में यह अभियान अहम साबित होगा। इस अभियान के तहत भारतीय वैज्ञानिकों की टीम 30-45 दिनों तक नि-ऑलेसंद रिसर्च स्टेशन पर रहकर रिसर्च करेगी। उसके बाद दूसरी टीम उसकी जगह लेगी।
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