Sunday , December 14 2025

एकादशी पर कुछ विशेष

आज देवउठनी एकादशी है कहते हैं कि कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि चतुर्मास की निद्रा से जागते हैं, इसीलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं इसे हरिप्रबोधिनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता हैं इस दिन से ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्य जैसे विवाह आदि शुरू हो जाते हैं देवउठनी एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम का देवी तुलसी से विवाह होने की परंपरा भी है एकादशी के दिन गन्ना और सूप का महत्व देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है इस दिन गन्ने और सूप का भी खास महत्व होता है देवउठनीएकादशी के दिन से ही किसान गन्ने की फसल की कटाई शुरू कर देते हैं कटाई से पहले गन्ने की विधिवत पूजा की जाती है और इसे विष्णु भगवान को चढ़ाया जाता है भगवान विष्णु को अर्पित करने के बाद गन्ने को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है देवउठनी एकादशी के दिन से विवाह जैसे मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है इस दिन पूजा के बाद सूप पीटने की परंपरा है एकादशी के दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं महिलाएं उनके घर में आने की कामना करती हैं और सूप पीटकर दरिद्रता भगाती हैं आज भी यह परंपरा कायम है कहा जाता है कि इन चार महीनो में देव शयन के कारण समस्त मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं जब देव (भगवान विष्णु) जागते हैं, तभी कोई मांगलिक कार्य संपन्न होता है देव जागरण या उत्थान होने के कारण इसको देवोत्थान एकादशी कहते हैं इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है कहते हैं इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है…

Check Also

स्मार्ट मीटर को लेकर ऊर्जा मंत्री की संवेदनशील पहल नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने दिए स्पष्ट निर्देश

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने बताया कि विद्युत वितरण व्यवस्था को ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *