बांग्लादेश में सात जनवरी को होने वाले आगामी आम चुनाव को लेकर राजनीति दलों ने कमर कस ली हैं। सत्तारूढ़ समेत तमाम राजनीतिक दल लगातार लोगों को रिझाने के लिए सभा, रैलियां कर रहे हैं। इसी बीच, मतदान से पहले पूरे बांग्लादेश में 1.89 लाख से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया है। विपक्षी दल बीएनपी के बहिष्कार के बीच होने वाले आम चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो इसके लिए पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया हैं। एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि वर्तमान में देश के पुलिस बल में सिविल स्टाफ सहित लगभग 2.13 लाख कर्मचारी हैं।
निष्पक्ष चुनाव के लिए तैनात पुलिसकर्मी- हुसैना
पुलिस मख्यालय में उप माहनिरीक्षक (ऑपरेशन) अनवर हुसैन ने कहा कि पूरे बांग्लादेश में कुल 1.89 लाख पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया हैं, जो मतदान के दिन मजिस्ट्रेटों के साथ चुनाव ड्यूटी पर रहेंगे। इसके अलावा पुलिस कर्मियों स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए क्षेत्रों में गश्त भी लगाएंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तकरीबन 1.74 लाख पुलिसकर्मी बिना किसी छुट्टी के ड्यूटी पर रहेंगे, जबकि अन्य पुलिसकर्मी नियमित रुप से काम में लगेंगे।
विपक्षी दल बीएनपी का चुनाव बहिष्कार
बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा चुनाव बहिष्कार के चलते देशव्यापी हड़तालें, परिवहन नाकेबंदी का बीच-बीच में आह्वान किया जाता हैं। बीएनपी के मुताबिक, वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना के रहते कभी भी देश में निष्पक्ष चुनाव नहीं किए जा सकते हैं। पिछले दो माह में राजनीतिक हिंसा में 11 लोगों की मौत हो चुकी हैं और 386 वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया हैं। राजनीतिक हिंसा में पुलिस ने कई विपक्षी कार्यकर्ताओं और हस्तियों को गिरफ्तार किया हैं, जिनमें बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरूल इस्लाम आलमगीर शामिल हैं।
अर्धसैनिक सीमा रक्षक की 1151 प्लाटून भी तैनात
बीएनपी लोगों से लगातार सरकार के खिलाफ सविनय अवज्ञा करने का आह्वान कर रही हैं। साथ ही लोगों से करों और उपयोगिता बिलों का भुगतान न करने का आग्रह किया गया हैं। गौरतलब हैं कि बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन 2018 के आम चुनाव में बीएनपी ने भाग लिया था। शुक्रवार को बांग्लादेश ने देशभर में अर्धसैनिक सीमा रक्षकों की 1,151 प्लाटून तैनात की हैं। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवान सात जनवरी के मतदान के आसपास 13 दिनों तक पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करेंगे।
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