हैदरगढ़, बाराबंकी। ग्राम्यांचल महाविद्यालय में स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने छात्र-छात्राओं में उत्साह का संचार कर दिया। महाविद्यालय परिसर में आयोजित रंगोली, मेहंदी, पोस्टर मेकिंग और चित्रकला प्रतियोगिताओं में क्षेत्र के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। ये प्रतियोगिताएं न केवल रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाली थीं, बल्कि छात्रों के बीच आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी माध्यम बनीं।
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले संस्थानों में ग्रामीण अंचल पीजी कॉलेज, बी.फार्मा, डी.फार्मा, ग्राम्यांचल पब्लिक स्कूल, ग्राम्यांचल इंटर कॉलेज, राजकीय इंटर कॉलेज हैदरगढ़, राजकीय इंटर कॉलेज पोखरा शामिल थे। इसके अलावा, हैदरगढ़ शिक्षा क्षेत्र के समस्त इंटर कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। रंगोली में चटकीले रंगों से सजी सुंदर आकृतियां, मेहंदी में जटिल डिजाइन, पोस्टरों में सामाजिक संदेश और चित्रकला में कल्पनाशील रचनाएं देखने को मिलीं। प्रतिभागियों ने अपनी कला के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और स्वतंत्रता जैसे विषयों पर आपने इस प्रदर्शन के माध्यम सेविचार व्यक्त किए।
इन प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल मैं महाविद्यालय की सहायक प्रबंधक सुप्रिया अवस्थी हैदरगढ़ की खंडविकास अधिकारी पूजा सिंह प्रख्यात साहित्यकार एवं रामपाल सिंह इंटर कॉलेज गोसाईगंज के पूर्व प्रधानाचार्य श्री रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकररामपाल ग्राम अंचल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर लालमणि शुक्ला ग्रामीण अंचल महाविद्यालय के जन सूचना एवं संपर्क प्रभारी एसपी सिंह थे इस अवसर परमहाविद्यालय के समस्त संकायों के प्रवक्ता गण भी उपस्थित रहे।
यह आयोजन महाविद्यालय के स्थापना दिवस (24 अक्टूबर) की श्रृंखला का हिस्सा है। स्थापना दिवस से पूर्व, 17 अक्टूबर से 24अक्टूबर तक महाविद्यालय में विभिन्न खेलकूद और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इनमें दौड़, खो-खो, नृत्य, गायन और प्रसिद्ध गुजराती डांडिया नृत्य शामिल हैं। डांडिया नृत्य विशेष रूप से लोकप्रिय रहेगा, जिसमें छात्र-छात्राएं पारंपरिक वेशभूषा में भाग लेंगे। ये प्रतियोगिताएं न केवल मनोरंजन का साधन होंगी, बल्कि छात्रों के शारीरिक फिटनेस और टीम वर्क को मजबूत करेंगी।
सभी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को स्थापना दिवस के अवसर पर 24 अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा। उन्हें प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और अन्य पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। इस समारोह में अभिभावक, शिक्षक और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आमंत्रित हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के संरक्षक श
पंडित सिद्धार्थ अवस्थी ने कहा, “ऐसे खेल और सांस्कृतिक आयोजनों से छात्र-छात्राओं का बेहतर शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है। ये कार्यक्रम उन्हें जीवन के विभिन्न आयामों से जोड़ते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। हमारा उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र के युवा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएं।”
ग्राम्यांचल महाविद्यालय, जो ग्रामीण विकास पर केंद्रित है, ऐसे आयोजनों के माध्यम से शिक्षा को समग्र रूप देने का प्रयास कर रहा है। स्थापना दिवस की यह श्रृंखला न केवल कॉलेज के इतिहास को जीवंत करेगी, बल्कि क्षेत्रीय युवाओं के बीच सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करेगी। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ये प्रतियोगिताएं और भी भव्य होंगी।