भारतीय नौसेना के जंगी बेड़ों और विमानों ने अरब सागर में माल्टा के ध्वज वाले एक जहाज एमवी रूएन के हाइजैक पर जवाबी कार्रवाई की है. भारतीय नौसेना ने शनिवार (16 दिसंबर) को कहा कि उसने अरब सागर में हाइजैक की घटना का जवाब दिया जब छह अज्ञात लोगों ने माल्टा के झंडे वाले पोत एमवी रूएन पर कब्जा कर लिया, जिस पर चालक दल के 18 लोग सवार थे. नौसेना ने कहा कि उसके जंगी बेड़ों और समुद्री गश्ती विमानों ने शुक्रवार (15 दिसंबर) शाम को माल्टा के ध्वज वाले जहाज एमवी रूएन के हाइजैक की घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया दी है. ऑपरेशन अभी भी चल रहा है.
शुक्रवार की सुबह भारतीय नौसेना के विमान ने हाइजैक किए गए जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और लगातार जहाज की गतिविधि पर नज़र रखी, जिसे पूर्वी अफ्रीका में सोमालिया तट की ओर बढ़ते देखा गया था. इसके साथ ही शनिवार को खाड़ी अदन में तैनात भारतीय नौसेना के जंगी जहाज ने एमवी रूएन को रोक लिया और इस मामले अंतरराष्ट्रीय समुद्री एजेंसियां भी समन्वय कर रही हैं.
कई अंतराष्ट्रीय एजेंसियां कर रही गश्त
माल्टा के जहाज के हाइजैक की खबर मिलते ही स्पेन नौसेना का एक जहाज भी उसकी ओर बढ़ने लगा. यूरोपीय संघ नौसेना बल ने कहा कि स्पेनिश जहाज विक्टोरिया को ज्यादा से ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए भेजा गया था.
हाइजैक की खबर कैसे मिली?
मे-डे एक तरह का मैसेज है जो जहाज या विमान में तब इस्तेमाल किया जाता है जब वह किसी खतरे से घिरे होते हैं. इसे मदद मांगने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
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