Wednesday , July 23 2025

फेक न्यूज़ और अफवाहों पर नियंत्रण के लिए त्वरित खण्डन और सही सूचना का प्रसारण जरूरी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में आगामी पर्व एवं त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था, सौहार्दपूर्ण वातावरण और जनसुविधाओं की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के समस्त पुलिस आयुक्तों, मण्डलायुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ संवाद किया। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी पर्व एवं त्योहारों के दौरान सभी आयोजन श्रद्धा, सुरक्षा और समरसता के साथ सम्पन्न कराए जाएं। इसके लिए प्रशासनिक मशीनरी पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता के साथ कार्य करे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी 11 जुलाई से 09 अगस्त तक पवित्र श्रावण मास के दौरान पारम्परिक कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व मनाए जाएंगे। इसी अवधि में 27 जून से 08 जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा तथा 27 जून से 06/07 जुलाई तक मोहर्रम के आयोजन सम्भावित हैं। यह सम्पूर्ण कालखण्ड प्रदेश की कानून-व्यवस्था, चिकित्सा, स्वच्छता, शिक्षा और आपदा प्रबन्धन के लिहाज से अत्यन्त संवेदनशील है। अतः सभी सम्बन्धित विभाग और जिला प्रशासन समन्वय के साथ जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें।
मुख्यमंत्री जी ने कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण और गरिमामय आयोजन को लेकर विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा आस्था, अनुशासन और उल्लास का प्रतीक है। उत्तराखण्ड सीमा से सटे जनपदों सहित गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, काशी, बाराबंकी और बस्ती जैसे जनपदों में विशेष सतर्कता बरती जाए। अन्तरराज्यीय समन्वय निरन्तर बना रहना चाहिए। यात्रा मार्ग पर डीजे, ढोल-ताशा और संगीत की ध्वनि निर्धारित मानकों के अनुरूप ही होनी चाहिए। कानफोड़ू आवाज, भड़काऊ नारे और परम्परा से इतर रूट परिवर्तन किसी दशा में स्वीकार्य नहीं होंगे। ताजिया, रथ या कांवड़ यात्रा में प्रयुक्त डीजे की ऊँचाई भी नियत सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। किसी शोभा यात्रा के लिए पेड़ काटना, झुग्गियां हटाना या गरीबों का आश्रय उजाड़ना कदापि स्वीकार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सौहार्द को खण्डित करने वाले तत्व हैं, जिन पर पूरी सख्ती से रोक लगनी चाहिए। शोभा यात्राओं/जुलूसों के मार्ग पर पशुओं का प्रवेश रोका जाए। सोशल मीडिया की सघन निगरानी हो और आवश्यकता पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित की जाए। फेक न्यूज़ और अफवाहों पर नियंत्रण के लिए त्वरित खण्डन और सही सूचना का प्रसारण जरूरी है।
कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं, जिनमें वेश बदलकर अराजक तत्वों के शामिल होने की आशंका बनी रहती है। इसके दृष्टिगत मुख्यमंत्री जी ने सभी जनपदों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। थाना, हल्का और चौकी स्तर पर स्थानीय प्रशासन कांवड़ संघों के साथ संवाद बनाए रखे और सभी व्यवस्थाओं की पूर्व समीक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने दोहराया कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है, किन्तु किसी शरारती तत्व को अवसर नहीं मिलना चाहिए।
श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर कहीं भी खुले में मांस आदि की बिक्री न हो। यात्रा मार्गों की स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, स्ट्रीट लाइटिंग, पेयजल, शौचालय एवं प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। जर्जर विद्युत पोल और लटकते तारों की मरम्मत तत्काल पूर्ण हो। शिविर लगाने वाली संस्थाओं का सत्यापन कर उनके सहयोग से जनसुविधा केन्द्र संचालित किए जाएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को प्रदेशभर के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र होती है। ग्राम, कस्बों और नगरों के मन्दिरों के आस-पास की साफ-सफाई, जलनिकासी और यातायात प्रबन्धन हेतु पंचायती राज और नगर विकास विभाग को अग्रिम तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, प्रतिबन्धित पॉलीथीन के प्रयोग पर पूरी सख्ती हो।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य सामग्री की दरों को तय करते हुए ओवररेटिंग की शिकायतें रोकने को कहा गया है। पूर्व वर्ष की भांति प्रत्येक दुकान पर संचालक का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। इसी क्रम में मुख्यमंत्री जी ने खाद की ओवररेटिंग की प्राप्त शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सम्बन्धित जिलाधिकारी को औचक निरीक्षण करने और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने मोहर्रम के आयोजनों के लिए भी स्पष्ट निर्देश दिए कि विगत वर्षों में हुई दुर्घटनाओं से सबक लेते हुए इस वर्ष सभी पूर्व व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। पीस कमेटी एवं आयोजन समितियों से संवाद कर कार्यक्रमों को परम्परागत मार्गों पर शांतिपूर्वक सम्पन्न कराया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी ने एक अत्यन्त संवेदनशील विषय ’जातीय संघर्ष की साजिशों’ पर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि विगत कुछ समय से कुछ अराजक तत्व प्रदेश में जातीय विद्वेष फैलाने का षड्यंत्र कर रहे हैं। कौशाम्बी, इटावा और औरैया जैसी घटनाएं इसकी पुष्टि करती हैं। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए कहा, ऐसी कुत्सित कोशिशें प्रदेश हित के विरुद्ध हैं और किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होंगी। इन साजिशों का तत्काल पर्दाफाश करें, दोषियों की पहचान सार्वजनिक करें और उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री जी ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिए कि कार्रवाई के लिए शासन से आदेश की प्रतीक्षा कतई न करें, तत्परता से और कानून सम्मत कार्रवाई करें।
जनशिकायतों के निस्तारण को लेकर मुख्यमंत्री जी ने सी0एम0 हेल्पलाइन और आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुए कहा कि कुछ जिलों में निस्तारण की स्थिति संतोषजनक नहीं है। ऐसे जिलों को तत्काल अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना होगा, अन्यथा उत्तरदायित्व तय किया जाएगा।

मुख्यमंत्री जी ने ’स्कूल पेयरिंग नीति’ का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षक, छात्र और अभिभावकों के व्यापक हित में बेसिक शिक्षा परिषद के कुछ विद्यालयों की पेयरिंग की जा रही है। यह प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। जिलाधिकारी सुनिश्चित करें कि यह कार्य निर्विघ्न और प्रभावी रूप से सम्पन्न हो।

Check Also

पसमांदा मुस्लिम समाज ने करणी सेना पर बोला जोरदार हमला

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने करणी सेना के ...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *