ऐसे में, समाज के बुद्धिजीवियों से अपील है कि वे अपने आसपास अराजकता फैलाने वाले तत्वों को पहचानें, उन्हें समझाएं, और सभी पर्व शांति, सद्भाव और भाईचारे से मनाने का संदेश दें
उत्तर प्रदेश, संजय साग़र सिंह। रोशनी के पर्व दीपावली के अवसर पर देश भर में जहां एक ओर ख़ुशियों का वातावरण है, वहीं कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शांति भंग करने की आशंका को देखते हुए समाजसेवियों ने देश-प्रदेशवासियों से एक भावनात्मक और अत्यंत ज़रूरी अपील जारी की है।
“त्योहार जोड़ते हैं, तोड़ते नहीं – सभी पर्व शांति, सद्भाव और आपसी एकता का संदेश देते हैं : वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना
सभी त्यौहारों पर अराजक तत्वों से सावधान रहने की अपील करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना का कहना है कि दीपावली केवल एक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और परस्पर सहयोग का प्रतीक है। त्योहार जोड़ते हैं, तोड़ते नहीं – सभी पर्व शांति, सद्भाव और आपसी एकता से मनाने का संदेश देते हैं। मिट्टी का दीपक किसी कुम्हार की मेहनत है, तो उसमें भरा तेल किसी किसान का पसीना हैं। मिठाइयाँ किसी हलवाई की रचना हैं, तो सजावट किसी स्थानीय दुकानदार की आजीविका हैं। यह पर्व उन अनगिनत हाथों की मेहनत का उत्सव है जो मिलकर हमारी दीवाली को रौशन करते हैं। लेक़िन कुछ स्वार्थी और संकीर्ण मानसिकता वाले लोग, देश की शांति और एकता को नुकसान पहुँचाने के लिए त्योहारों के अवसर पर उकसाने वाली गतिविधियाँ करते हैं। देश के पैसे का ग़लत उपयोग करते हैं, इन्हें शांति पसंद नहीं हैं। इसीलिए ऐसे तत्व त्योहारों में सर्व समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए युवाओं को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। इन दंगाई और अराजक मानसिकता वालों की असली पहचान यही है कि वे ख़ुद कभी भीतर से ख़ुश नहीं रहते और दूसरों की खुशियों से भी बैर रखते हैं। उनका मकसद सिर्फ़ शांतिप्रिय भारत देश में नकारात्मकता और अराजकता फैलाना होता है। देशहित में हमारी सभी विनम्र अपील हैं कि ऐसे तत्वों से सतर्क और साबधान रहें और हसीं खुशी से सभी त्यौहार मनाएं।
अपने बच्चों को पढ़ाएं लिखाएं डॉ बाबा साहब और डॉ क़लाम जैसा क़ाबिल एवं योग्य बनाएं – जियो और जीने दो का मूल मंत्र अपनाएं : वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान
इस अपील में वरिष्ठ समाजसेवी मुसरफ खान ने कहा कि देशहित में, सबसे विनम्र आग्रह है कि अच्छा सोचें, सकारात्मक रहें, स्वयं भी ख़ुश रहें और दूसरों को भी ख़ुश रहने दें। अपने बच्चों को पढ़ाएं लिखाएं डॉ बाबा साहब और डॉ कलाम जैसा क़ाबिल एवं योग्य बनाएं – जियो और जीने दो का मूल मंत्र अपनाएं, किसी के बहकाबे या भड़काने में ना आएं और कोई ऐसा कार्य न करें जिससे आपका और आपके परिवार का नाम खराब या देश एवं सर्व समाज में अशांति फैले अथवा देश की छवि धूमिल हो। ऐसे में, समाज के बुद्धिजीवियों से अपील है कि वे अपने आसपास अराजकता फैलाने वाले तत्वों को पहचानें, उन्हें समझाएं और सभी पर्व शांति, सद्भाव और भाईचारे से मनाने का संदेश दें। इसलिए सभी त्योहारों को शांति, सद्भाव, भाईचारे और खुशहाली के साथ मनाएं।
त्योहारों को प्रेम, शांति, सद्भाव, और खुशहाली के साथ मनाएं यही सच्ची देशभक्ति और इंसानियत है : सावन चौहान
समाजसेवी एवं फ़िल्म निर्माता सावन चौहान ने इस अवसर पर कहा कि त्योहार आत्मचिंतन और आत्मशुद्धि का अवसर होते हैं। आइए, इस दीपावली अपने मन के अंधकार को दूर करें। किसी भी प्रकार की अराजकता, हिंसा या भड़कावे से दूर रहें और देश की एकता और अखंडता में अपना योगदान दें। हमारी सभी से अपील हैं निवेदन हैं कि देश, सर्व समाज और अपने परिवार के भले के लिए सदैव सकारात्मक सोचें। प्रेम, शांति, एकता और सद्भाव से रहें। किसी दूसरों के बहकावे में आकर कोई ऐसा कार्य न करें जिससे आपके जीवन में दुख और कठिनाइयाँ आएं। ख़ुश रहिए, और दूसरों को भी खुश रहने दीजिए। त्योहारों को शांति, सद्भाव और खुशहाली के साथ मनाएं यही सच्ची देशभक्ति और इंसानियत है।
सोचिए, कहीं आप किसी के राजनीतिक स्वार्थ का शिकार तो नहीं? – समाजसेवी पंकज जैन
समाजसेवी पंकज जैन ने स्पष्ट किया कि ये लोग राष्ट्रवादी डॉ अम्बेडकर जी के संविधान, क़ानून और सामाजिक मूल्यों का सम्मान नहीं करते। भावनाओं में बहकर यदि कोई व्यक्ति अराजक तत्वों की बातों में, बहकाने में, भड़काने में, आकर कानून तोड़ता है, तो इसका खामियाज़ा न सिर्फ़ उसे बल्कि उसके पूरे परिवार को भुगतना पड़ता है। देशहित और सर्व समाज हित में हमारा सभी भारतीय नागरिकों से यही अनुरोध है कि वे आत्ममंथन करें। क्या कोई उनके भोलेपन का फ़ायदा उठा रहा है? क्या वे अनजाने में किसी राजनीतिक या निजी स्वार्थ की पूर्ति का साधन बन रहे हैं? क्या यही देशभक्ति और इंसानियत है?
देशहित में जारी – ख़ुशियों भरी हो सबकी दीवाली!