यह हमारा लगातार नौंवा बजट है….यह वर्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है,देश के संविधान को लागू होने व उत्तरप्रदेश स्थापना का अमृत महोत्सव वर्ष है
प्रदेश के रोडमैप को बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण बजट है
लखनऊ में बाबा साहेब अंबेडकर के लिए सरकार स्मारक केंद्र बनवा रही है..
पिछले सारे बजट के अलग अलग थीम थी,2017 में पहला बजट अन्नदाता किसानों को समर्पित था
2018-19 का बजट उत्तरप्रदेश के बीमारू राज्य से उबारकर इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण औद्योगिक विकास को समर्पित था.
2019 का बजट महिला सशक्तिकरण को समर्पित था,महिला उत्थान के लिए हमने कई कार्य शुरू किए
2020 का बजट उत्तरप्रदेश के युवाओं और रोजगार को समर्पित था,इसमे 2 करोड़ युवाओ को तकनीकी माध्यम से सशक्त बनाने के कार्य किये
2021 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण की ओर था,आत्मनिर्भर ता के लक्ष्य पूर्ति के लिए था
2022 का बजट अंत्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित था
2023 का बजट प्रदेश में आत्मनिर्भर को सुदृढ करने वाला
2024 का बजट रामराज्य को संकलिप्त था,पहली बार 65 करोड़ पर्यटक प्रदेश मे आये
2025 का बजट भारत की सनातन संस्कृति को समर्पित महिला गरीब युवा कल्याण को समर्पित है,इसका केंद्रीय भाव ‘वंचित को वरीयता’ है
इस बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक (8,08,736.06 करोड़ रुपये) का है। वर्ष 2024-25 के बजट के सापेक्ष इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश के बजट के आकार में यह बढ़ोत्तरी राज्य के सामर्थ्य के अनुरूप है। यह बजट अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कुल व्यय में 02 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है।
वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जी०डी०पी० 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफ०आर०बी०एम० एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है।
नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है।
व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा।
इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।
विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं।
लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।
समाज कल्याण, जिसमें सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, महिला एवं बाल कल्याण के लिये 35,863 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था। (कुल बजट का 4 प्रतिशत)
निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों के विवाह के लिये कुल 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था ।
सामाजिक पेंशन के लिये कुल 13,648 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान।
04 नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का प्राविधान है। इसमें (1) आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे (2) गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुए सोनभद्र से जोड़ते हुए विन्ध्य एक्सप्रेस-वे (3) मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे तथा (4) बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे के लिए बजटीय प्रावधान किया गया है।
प्रयागराज में आवागमन को और सुगम बनाने के लिए एक शास्त्री ब्रिज के पैरलल और एक सिग्नेचर ब्रिज के पैरलल नये पुलों के निर्माण हेतु प्रावधान किया गया है।
प्रदेश को आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने के लिए लखनऊ में आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस सिटी की स्थापना तथा साइबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की नयी योजना बजट में शामिल।
सभी मण्डल मुख्यालयों पर विकास प्राधिकरणों /नगर निकायों द्वारा कन्वेंशन सेण्टर का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए धनराशि का प्रावधान किया गया। पहले चरण में कमिश्नरी मुख्यालय पर।
ग्राम पंचायतों में वैवाहिक उत्सव एवं अन्य सामाजिक आयोजनों हेतु उत्सव भवन निर्माण की योजना पर कार्य किया जाएगा। इससे रोजगार का सृजन भी होगा। प्रदेश में सरदार पटेल के नाम पर एम्प्लॉयमेंट जोन बनेंगे