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प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के क्रम में आज गोरखपुर में मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ आह्वान को समर्पित पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ वृक्षारोपण जन अभियान-2024 के अवसर पर पारिजात के पौधे का रोपण किया।

इस अवसर मुख्यमंत्री जी ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश ने 36.50 करोड़ वृक्षारोपण कर कीर्तिमान बनाया है। प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के क्रम में लगभग हर मातृ शक्ति के नाम तीन-तीन पेड़ लगाने का कार्य अकेले उत्तर प्रदेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की गर्मी को लोग लम्बे समय तक याद करेंगे। 10 साल पहले भीषण गर्मी में गोरखपुर और आस पास के क्षेत्रों में तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस होता था, लेकिन इस वर्ष यह 46 से 47 डिग्री सेल्सियस तक देखा गया है। यह अत्यधिक गर्मी, हीटवेव, लू, अतिवृष्टि, असमय बाढ़, सूखा यह सभी ग्लोबल वॉर्मिंग के लक्षण को प्रदर्शित करते हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गत वर्ष अक्टूबर माह में बाढ़ काफी आयी थी, जबकि अधिकतम 15 सितम्बर तक ही बाढ़ आती थी। इस वर्ष जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में ही उत्तर प्रदेश के 24 जनपद बाढ़ग्रसित हैं। यह चीजें हमें भविष्य के प्रति आगाह करती हैं और चेतावनी देती हैं कि इसमें सुधार करना होगा अन्यथा प्रकृति अपने तरीके से सुधार का क्रम शुरू करेगी। उसी चेतावनी को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश ने प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर 36.50 करोड़ वृक्षारोपण कार्यक्रम से जुड़कर धरती को हरा-भरा करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए इस अभियान को अपने हाथों में लिया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर एक व्यक्ति इस कार्यक्रम से जुड़ा है और एक ही आह्वान सबका है कि पेड़ लगाना है और पर्यावरण को बचाना है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के आधार पर ‘पेड़ लगाओ-पर्यावरण बचाओ’ इस आह्वान के साथ प्रदेश भर के लोग जुड़े हैं। प्रदेश में फलदार, इमारती, छायादार, औषधि या सजावटी आदि 54 करोड़ पौधे, वन विभाग, उद्यान विभाग की नर्सरी में हैं। इसमें लगभग 37 से 38 करोड़ पौधों का उपयोग एक दिन में हो रहा है। शेष पौधों का क्रमिक रूप में उपयोग किया जाएगा।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 07 वर्षों में प्रदेश सरकार 168 करोड़ वृक्षारोपण का नया रिकॉर्ड बना चुकी है। 168 करोड़ वृक्षारोपण राज्य सरकार ने जनसहभागिता और प्रदेश के विभिन्न विभागों के माध्यम से किया था। इसका परिणाम है कि वैश्विक संस्थाएं उत्तर प्रदेश के इस महत्व को स्वीकार करती हैं। जो पेड़ लगाए गए, उसमें से 75 से 80 प्रतिशत पेड़ आज भी सुरक्षित हैं।

प्रदेश में कार्बन क्रेडिट का लाभ प्राप्त करने के लिए जिन किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, कार्बन क्रेडिट से जुड़े उन 25,000 किसानों को पैसा भी मिला है। प्रदेश को कार्बन क्रेडिट के कारण 200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। वन वाटिकाएं आज भी हैं, कहीं नक्षत्र वाटिका, कहीं नवग्रह वाटिका, कहीं हरिशंकरी वाटिका और कही किसी अन्य नाम पर बनी वाटिकाओं के माध्यम से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है।

लखनऊ में एक नदी को पुनर्जीवित कराया गया है। आज से 50 वर्ष पहले गोमती नदी में एक संगम होता था। वह संगम कुकरैल और गोमती का था, लेकिन 50 वर्षों में विकास की इस अंधी दौड़ में इसको पाट दिया गया था। भू-माफियाओं ने इस पर कब्जा कर लिया था। प्रदेश सरकार ने इसे बचाने का कार्य किया है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़ी। इसका परिणाम था कि आज राज्य सरकार ने भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण जी के नाम पर सौमित्र वन और शक्तिवन के पुनर्गठन का कार्य करके कुकरैल क्षेत्र को लखनऊ में ईको-टूरिज्म के एक नए स्पॉट के रूप में विकसित करने का कार्य किया है। यह अभियान आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काकोरी काण्ड के नायकों शहीद अशफाक उल्ला खाँ, पं0 राम प्रसाद बिस्मिल, शहीद चन्द्र शेखर आजाद, ठाकुर रोशन सिंह आदि क्रान्तिकारियों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खाँ के नाम पर बने इस प्राणि उद्यान में वृक्षारोपण कार्यक्रम को राज्य सरकार आगे बढ़ा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार स्थानीय प्राधिकरण के साथ मिलकर गोरखपुर में गोड़धोइया नाले का संरक्षण कर, उसमें जल निकासी का स्थायी समाधान कराकर अतिक्रमण को हटाने का कार्य कर रही है। जब नालों से अतिक्रमण हटेगा, तो हम शहरों को जल-जमाव से मुक्त कर पाएंगे। आज गोरखपुर में इस प्राणि उद्यान में अलग-अलग प्रकार के प्राणि और वन्य जीव हैं, जो मनोरंजन एवं ज्ञानवर्धन का माध्यम बने हैं। वे हमें दिखाने का प्रयास करते हैं कि जीव सृष्टि में केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि जीव-जन्तु भी हैं। जब इनमें बेहतर समन्वय होगा, तो इसमें एक-दूसरे की सुरक्षा भी जुड़ी होगी। वृक्षारोपण का यह कार्यक्रम इसी अभियान को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है, जिससे लोगों को इस प्रकार का वातावरण मिल सके, जो वनों में प्राप्त होता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वृक्षारोपण अभियान जनसहभागिता के साथ-साथ वन, पंचायत, नगर विकास विभाग व अन्य सभी विभागों के साथ जुड़कर आगे बढ़ाया जा रहा है। जनसहभागिता किसी भी अभियान को नयी ऊँचाइयों तक पहुंचाती है और इन्ही ऊँचाइयों का परिणाम है कि एक दिन में 36.50 करोड़ वृक्षारोपण का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है।

कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे

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