मुख्यमंत्री ने इन्वेस्ट यू0पी0 की शासी निकाय की प्रथम बैठक में प्रदेश के
औद्योगिक निवेश ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए
मुख्यमंत्री ने इन्वेस्ट यू0पी0 के पुनर्गठन प्रस्ताव को स्वीकृति दी
नया ढांचा इन्वेस्ट यू0पी0 को ‘एकल निवेश सुविधा एजेंसी’ के रूप
में सशक्त बनाएगा, निवेश को आकर्षित करेगा तथा परियोजनाओं
के क्रियान्वयन की सक्रिय निगरानी सुनिश्चित करेगा : मुख्यमंत्री
बड़ी संख्या में नई औद्योगिक इकाइयों का पंजीकरण प्रधानमंत्री जी के
‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ मंत्र के सफल क्रियान्वयन से राज्य के
औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में आए सकारात्मक परिवर्तन का प्रमाण
टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स
और सर्विस सेक्टर जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ सेल गठित किए जाएं
मुम्बई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और नई दिल्ली में
सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ऑफिस स्थापित किए जाएं
निवेशक इकाइयों को भूमि, सब्सिडी आदि के साथ-साथ प्रशिक्षित
मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए संवाद बढ़ाया जाए
11 महाप्रबंधक/सहायक महाप्रबंधक पदों पर कार्योत्तर स्वीकृति, दो संयुक्त मुख्य कार्यपालक
अधिकारी को प्रतिनियुक्ति पर तैनात करने तथा भूमि बैंक प्रकोष्ठ गठित करने का निर्णय
उ0प्र0 में औद्योगिक निवेश अब नीतिगत प्रतिबद्धता नहीं,
बल्कि ‘ग्राउण्ड लेवल डिलीवरी’ का उदाहरण
निवेश मित्र पोर्टल 3.0 के माध्यम से आवेदन, स्वीकृति
और प्रोत्साहन की प्रक्रिया को और सरल किया जा रहा
वैश्विक मंचों पर उ0प्र0 की औद्योगिक छवि को और सुदृढ़ किया
जाए तथा प्रत्येक कण्ट्री डेस्क ठोस निवेश परिणामों पर कार्य करे
मुख्यमंत्री ने ‘सेफ सिटी’ की तर्ज पर ‘सेफ इंडस्ट्री’ की परिकल्पना रखी
औद्योगिक क्षेत्रों में सी0सी0टी0वी0 कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए, सुरक्षा के
पुख्ता इन्तज़ाम हों, ताकि निवेशक और उद्यमी निश्चिंत होकर कार्य कर सकें
लखनऊ : 13 अक्टूबर, 2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत इन्वेस्ट यू0पी0 की शासी निकाय की पहली बैठक में प्रदेश के औद्योगिक निवेश ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मुख्यमंत्री जी ने इन्वेस्ट यू0पी0 के पुनर्गठन प्रस्ताव को स्वीकृति दी। नए ढांचे के तहत टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सर्विस सेक्टर जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ सेल गठित किए जाएंगे। साथ ही, मुम्बई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और नई दिल्ली में सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ऑफिस स्थापित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से घरेलू और वैश्विक निवेशकों से सीधा संवाद स्थापित कर उत्तर प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि इन कार्यालयों के संचालन में पारदर्शिता, दक्षता और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुनर्गठन का उद्देश्य इन्वेस्ट यू0पी0 को अधिक कार्यकुशल, विशेषज्ञता-आधारित और निवेशक-केन्द्रित संस्था के रूप में विकसित करना है। बैठक में 11 महाप्रबंधक/सहायक महाप्रबंधक पदों पर कार्योत्तर स्वीकृति दी गई। साथ ही, दो संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी (पी0सी0एस0 संवर्ग) को प्रतिनियुक्ति पर तैनात करने तथा भूमि बैंक प्रकोष्ठ गठित करने का निर्णय लिया गया, जिसमें दो पी0सी0एस0 अधिकारी (अपर जिलाधिकारी/उपजिलाधिकारी स्तर) तैनात होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नया ढांचा इन्वेस्ट यू0पी0 को ‘एकल निवेश सुविधा एजेंसी’ के रूप में सशक्त बनाएगा, जो न केवल निवेश आकर्षित करेगा, बल्कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन तक उनकी सक्रिय निगरानी भी सुनिश्चित करेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि इस ढांचे को त्वरित प्रभाव से लागू किया जाए और प्रत्येक प्रकोष्ठ का कार्यक्षेत्र स्पष्ट रूप से परिभाषित हो, ताकि निवेश संवर्धन की दिशा में समन्वित और परिणामोन्मुख व्यवस्था विकसित हो सके।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने औद्योगिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2024-25 में लगभग 4,000 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित हुईं, जिससे इनकी कुल संख्या लगभग 27,000 तक पहुँच गई है। वर्ष 2022-23 तक प्रतिवर्ष औसतन 500 नई इकाइयाँ स्थापित हो रही थीं, जिसमें अब कई गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बड़ी संख्या में नई औद्योगिक इकाइयों का पंजीकरण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म’ मंत्र के सफल क्रियान्वयन से राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र में आए सकारात्मक परिवर्तन का प्रमाण है।
बैठक में मुख्यमंत्री जी ने निवेश प्रोत्साहन और सुविधा व्यवस्था की समीक्षा की। सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि फॉर्च्यून 1000 सूची की 814 कम्पनियों को अकाउण्ट मैनेजर आवंटित किए गए हैं। अब तक 50 नए एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हो चुके हैं तथा 280 से अधिक कम्पनियों से संवाद प्रगति पर है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निवेशक इकाइयों को भूमि, सब्सिडी आदि के साथ-साथ प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए भी संवाद बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की समीक्षा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश अब नीतिगत प्रतिबद्धता नहीं, बल्कि ‘ग्राउण्ड लेवल डिलीवरी’ का उदाहरण बन चुका है। निवेश मित्र पोर्टल 3.0 के माध्यम से आवेदन, स्वीकृति और प्रोत्साहन की प्रक्रिया को और सरल किया जा रहा है, जिससे 30 प्रतिशत तक प्रक्रिया समय और 50 प्रतिशत तक दस्तावेजी औपचारिकताओं में कमी आएगी। पोर्टल में सिंगल साइन-ऑन, डायनेमिक एप्लीकेशन सिस्टम, ए0आई0 आधारित चैटबॉट, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन और डिजिटल मॉनिटरिंग जैसी सुविधाएँ शामिल की जा रही हैं, जो निवेशकों के अनुभव को और अधिक सुगम बनाएंगी।
मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न विभागों को निर्देश दिये कि वे मासिक लक्ष्य निर्धारित करें और स्वीकृत परियोजनाओं की ‘लेटर्स ऑफ कम्फर्ट’ जारी करने की प्रक्रिया समयबद्ध रूप से पूरी करें। उन्होंने कहा कि नीति के अनुरूप देय इन्सेन्टिव बिना किसी बाधा के समय पर वितरित किए जाएं तथा इण्डस्ट्रियल बिल्डिंग बायलॉज को और अधिक व्यावहारिक एवं निवेशक हितैषी बनाया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि फोकस कण्ट्री डेस्क के माध्यम से जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ताइवान, सिंगापुर और खाड़ी देशों के निवेशकों से सक्रिय संवाद स्थापित किया गया है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि वैश्विक मंचों पर उत्तर प्रदेश की औद्योगिक छवि को और सुदृढ़ किया जाए तथा प्रत्येक कण्ट्री डेस्क ठोस निवेश परिणामों पर कार्य करे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यूपीडा, यूपीसीडा, बीडा और अन्य औद्योगिक प्राधिकरणों को ऑटोमोबाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और लेदर जैसे क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि ‘चाइना+1’ रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश अब बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का पसंदीदा निवेश केन्द्र बन रहा है। वर्तमान में 219 कम्पनियाँ निवेश प्रक्रिया के सक्रिय चरण में हैं, जिनमें जापान, कोरिया और ताइवान की कई अग्रणी कम्पनियाँ शामिल हैं। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि इन प्रस्तावों की सतत मॉनिटरिंग की जाए और सभी विभाग इन अवसरों को मूर्त रूप देने के लिए समन्वित ढंग से कार्य करें।
बैठक के दौरान जानकारी दी गई कि औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के पास 25,000 एकड़ से अधिक ग्रीनफील्ड भूमि तथा 6,300 एकड़ से अधिक रेडी-टू-मूव भूमि निवेश हेतु उपलब्ध है। 33,000 से अधिक औद्योगिक भूखण्डों का सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में किसानों व व्यापारियों से सीधा संवाद किया जाए और उन्हें उचित मुआवजा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सर्किल रेट की असमानताओं को समाप्त करने और अप्रयुक्त औद्योगिक भूखण्डों को निर्धारित समय सीमा के बाद निरस्त कर नए निवेशकों को आवंटित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने ‘सेफ सिटी’ की तर्ज पर ‘सेफ इंडस्ट्री’ की परिकल्पना रखी। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में सी0सी0टी0वी0 कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए, सुरक्षा के पुख्ता इन्तज़ाम हों, ताकि निवेशक और उद्यमी निश्चिंत होकर कार्य कर सकें। उन्होंने औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधीन क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को और सुदृढ़ करने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिये कि मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी नियमित रूप से निवेशकों/उद्यमियों से संवाद करें, उनकी अपेक्षाओं और समस्याओं का यथोचित समाधान सुनिश्चित करें तथा आवश्यकतानुसार शासन को अवगत कराएं।
बैठक में औद्योगिक विकास, निवेश एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, नगर विकास मंत्री श्री ए0के0 शर्मा, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री राकेश सचान, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री जसवंत सिंह सैनी सहित शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी और इन्वेस्ट यू0पी0 के अधिकारी उपस्थित थे।
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