लोकसभा चुनाव सर पर है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल यूपी की 80 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे है। जहां एक तरफ भाजपा ने 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये है तो वही इंडिया गठबंधन ने भी कई सीटों पर अपने समीकरण को फीट करने की जुगत में लगा हुआ है। यूपी की 80 सीटों पर सपा-कांग्रेस एक साथ चुनाव लड़ रही है। प्रियंका गांधी की मध्यस्थता के बाद जहां अखिलेश यादव ने 17 सीट कांग्रेस को देने पर राजी हुए तो वही समाजवादी पार्टी बाकी सीटो पर दमदार तरीके से लड़ने और PDA का नारा लेकर चुनावी मैदान में है।

कभी भी चुनाव आयोग चुनाव के तारीखों का ऐलान कर सकता है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल बाकी बची सीटों पर प्रत्याशी उतरने की जद्दोजहद में लगी हुई है। भारतीय जनता पार्टी की एक और बड़ी बैठल 8 मार्च को होने वाली है जिसमें यूपी की बाकी बची 29 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होनी हैं। इसी जद्दोजहज में कई नेता टिकट की आस में दल भी बदल रहे है। भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में 51 में 4 सीटों पर प्रत्याशी बदले है। पहली लिस्ट में कई दिग्गज सिटिंग एमपी के नाम नही हैं, और यही वजह चर्चा का विषय भी बना हुआ है की कही इन दिग्गजों के टिकट पर खतरा तो नही है, इन दिग्गजों में कैसरगंज के बाहुबली सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह, रीता बहुगुण जोशी, मेनका गांधी, वरुण गांधी, स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य, देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी, गाज़ियाबाद से वीके सिंह, बरेली से संतोष गंगवार, इन सबकी सीटों पर अभी संशय बरकरार हैं।
भाजपा की दूसरी लिस्ट चौकाने वाली हो सकती है। ऐसे में इन दिग्गजों की परेशानी कम होने का नाम ही नही ले रही है। वही पहली लिस्ट आने के पहले और लिस्ट आने के बाद कई नेताओं ने अपने नाम भी वापस लिए जिनमें गौतम गम्भीर, हर्षवर्धन सिंह, पवन सिंह, बाराबंकी के सिटिंग एमपी उपेंद्र सिंह रावत ने चुनाव न लड़ने का निश्चय किया है। वही इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी चुटकी ली है। और अखिलेश ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि भाजपा के लोग PDA से हार के डर से टिकट वापस कर रहे है।
माना जा रहा मेनका गांधी और वरुण गांधी के टिकट कटने की खबर है। बताया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व इनसे नाराज चल रहा है। बीजेपी 6 सीट सहयोगी दलों, अपना दल, निषाद पार्टी, रालोद, सुभासपा के लिए रिजर्व कर सकती है। यानी अगली लिस्ट में 23 प्रत्याशी चुनने है जिसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व भी फूंक फूंक कर कदम रख रहा है, और भाजपा की दूसरी लिस्ट पर सबकी निगाहें टिकी है की उस लिस्ट में ज्यादातर प्रत्यासी रिपीट होंगे या फिर नए चेहरों पर भाजपा दांव लगाएगी .
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