“विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025” 29 मई से 12 जून तक पूरे उत्तर प्रदेश में चलाया जा रहा है। इस विशेष अभियान के तहत किसानों को खरीफ फसलों के लिए नवीनतम कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, आधुनिक खेती के तौर-तरीकों तथा सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।
यह अभियान भारत सरकार की पहल पर शुरू किया गया है और इसका संचालन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केन्द्रों, कृषि विश्वविद्यालयों, तथा उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, रेशम एवं जलशक्ति विभागों के सहयोग से हो रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 मई को लोक भवन स्थित सभागार से इस अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री, जलशक्ति मंत्री, पशुधन मंत्री, सहकारिता मंत्री, उद्यान मंत्री, कृषि राज्य मंत्री, गोसेवा आयोग एवं उपकार के अध्यक्ष, मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव कृषि सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और प्रदेशभर के प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
अभियान के व्यापक क्रियान्वयन हेतु 22 मई को विधानमंडल सचिवालय में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में एक अन्तर्विभागीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें गन्ना, पशुपालन, सहकारिता, उद्यान, मत्स्य विभाग के मंत्रियों व अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में सभी कृषि संबंधी योजनाओं को अभियान में समावेशित करने की रूपरेखा तय की गई।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही स्वयं अभियान के कई आयोजनों में भाग ले चुके हैं – जैसे लखनऊ के जहांगीरपुर, बहराइच के नानपारा, देवरिया के बंजरिया, मेरठ के दबथुआ, हापुड़ के बनखण्डा और कानपुर नगर के सरैया दस्तम में आयोजित कार्यक्रमों में। सभी स्थलों पर उन्होंने वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों और सैकड़ों किसानों से सीधा संवाद किया और वृक्षारोपण भी किया।
01 जून को मेरठ के ग्राम दबथुआ में केंद्रीय कृषि मंत्री, राज्य के कृषि मंत्री और कृषि राज्य मंत्री की उपस्थिति में एक प्रमुख कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें स्थानीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष सहित अनेक जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर खेतों का भ्रमण कर किसानों से प्रत्यक्ष संवाद हुआ।
02 जून को कृषि मंत्री ने जनपद हापुड़ के ग्राम बनखण्डा में संवाद कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें 500 से अधिक किसान शामिल हुए।
03 जून को कानपुर नगर के सरैया दस्तम (बिल्हौर) में आयोजित संवाद कार्यक्रम में कृषि मंत्री की भागीदारी रही।
प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री द्वारा भी मेरठ, रामपुर, जौनपुर, वाराणसी सहित अन्य जिलों में सक्रिय भागीदारी की जा रही है। सहवर्ती विभागों के मंत्रीगणों का भ्रमण कार्यक्रम भी आगामी तिथियों में निर्धारित है।
अब तक कुल 4,959 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 8,39,617 किसानों ने भाग लिया है – इनमें 6,48,449 पुरुष और 1,91,168 महिलाएं शामिल हैं। कुल 10,125 स्थलों पर कार्यक्रमों का आयोजन प्रस्तावित है।
अभियान के तहत 550 कृषि वैज्ञानिक और विषय विशेषज्ञ किसानों को उनके क्षेत्र, मिट्टी, मौसम और फसल के अनुसार प्रशिक्षित कर रहे हैं। यह लैब-टू-लैंड मॉडल को जमीनी स्तर पर लागू करने का प्रयास है।
खरीफ 2025 की बुवाई को समय से सुनिश्चित करने और उन्नत बीजों की उपलब्धता के लिए राज्य सरकार ने कुल 4,58,000 निःशुल्क मिनीकिट वितरित करने की योजना बनाई है, जिनमें शामिल हैं:
- दलहन (उर्द, मूंग, अरहर) – 1,05,000
- तिल – 1,00,000
- मूंगफली – 6,000
- मोटे अनाज (सांवा, कोदो, ज्वार, बाजरा, रागी) – 2,47,000
राज्य सरकार ने इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कुल ₹41067.12 लाख (₹410 करोड़ से अधिक) की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। यह बजट निम्नलिखित योजनाओं के तहत जारी हुआ है:
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना – ₹16290.00 लाख
- फूड एवं न्यूट्रिशन सिक्योरिटी योजना – ₹10276.92 लाख
- कृषोन्नति योजना – ₹14500.20 लाख कृषि मंत्री ने अभियान को सफल बनाने के लिए सभी सांसदों, विधायकों और जिला पंचायत अध्यक्षों को अर्धशासकीय पत्र भेजकर सहभागिता सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
‘एक देश, एक कृषि, एक टीम’ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से यह अभियान प्रदेश में कृषि के भविष्य की दिशा तय कर रहा है।
अभियान के अंतिम चरणों में मीडिया बंधुओं से सक्रिय सहयोग की अपील की गई है, ताकि इस अभियान की जानकारी प्रदेश के अंतिम किसान तक पहुंचे और सरकारी योजनाएं सरल भाषा में समझाई जा सकें।