मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापना के लिए चुने जाने से योगीराज का परिवार बहुत खुश है। योगीराज की पत्नी विजेता ने बताया कि प्रभु राम की मूर्ति के बनाते समय एक नुकीला टुकड़ा उनकी (योगीराज) आंख में चुभ गया। हालांकि, ऑपरेशन के बाद उसे हटा दिया गया। दर्द के दौरान भी वह नहीं रुके और काम करते रहे। उनका काम इतना अच्छा था कि इसने सभी को प्रभावित किया। मां सरस्वती ने कहा, किसी ने भी भगवान राम को नहीं देखा था, लेकिन भगवान ने स्वयं उनके बेटे को पत्थर से एक आकृति बनाने की अंतर्दृष्टि दी थी। शायद भगवान ने ही उन्हें अपनी मूर्ति तराशने का आशीर्वाद दिया था।
प्राण प्रतिष्ठा में 54 देशों के 100 प्रतिनिधि होंगे रामलला के मेहमान
प्राण प्रतिष्ठा में देश की नामचीन हस्तियों के साथ 54 देशों के 100 प्रतिनिधि भी खास मेहमान होंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, मॉरिशस समेत कई यूरोपीय, अफ्रीकी व बौद्ध देशाें के अतिथियों को आमंत्रित किया है। संघ परिवार और विहिप की अंतरराष्ट्रीय शाखाओं के शीर्ष पदाधिकारी भी समारोह में शिरकत करने आएंगे।
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