सौर ऊर्जा से जुड़े कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी एसएफएल सोलर प्राइवेट लिमिटेड ने 8000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया था। लेकिन इस परियोजना में 5% कमीशन यानी 400 करोड़ रुपये की मांग की गई, जिससे पूरा मामला विवादों में आ गया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस निवेश प्रस्ताव की फाइल एक उच्च अधिकारी के पास पहुंचने के बाद अटक गई और जब तक 400 करोड़ रुपये की ‘मांग’ पूरी नहीं होती, तब तक इसे मंजूरी नहीं देने की बात कही गई।
एसएफएल सोलर की योजना
एसएफएल सोलर कंपनी ग्रेटर नोएडा में सोलर बैटरी और अन्य सौर उपकरणों का प्लांट लगाना चाहती थी। कंपनी ने इसके लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) को ऑनलाइन आवेदन दिया था। इस प्रस्ताव के तहत कंपनी ने ग्रेटर नोएडा में बड़ी जमीन की मांग रखी थी।
सूत्र बताते हैं कि कंपनी के आवेदन को बार-बार टाला गया, और जब उच्च अधिकारियों के पास यह फाइल पहुंची, तो 400 करोड़ रुपये की डिमांड सामने आई।
6500 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता
एसएफएल सोलर की कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 6500 मेगावाट बताई जाती है। कंपनी पहले भी यूपी में निवेश कर चुकी है, लेकिन इतनी बड़ी परियोजना को लेकर शासन में अनिश्चितता बनी हुई थी।
जांच के घेरे में कई अधिकारी
इस पूरे प्रकरण के बाद अब कई अधिकारी जांच के दायरे में आ सकते हैं। इस मामले में कंसल्टेंसी फर्मों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि 200 एकड़ जमीन उपलब्ध थी, लेकिन उस समय किसानों से भूमि अधिग्रहण को लेकर विवाद चल रहा था।
अब देखना यह होगा कि इस मामले की अंतिम जांच रिपोर्ट कब तक सामने आती है और क्या इसमें दोषियों पर कोई कार्रवाई होगी।