दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी तक के लिए टाल दी है। इसे यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया गया था।
सुनवाई के दौरान कपिल सिबब्ल ने कहा कि उमर खालिद जेल में हैं। इससे क्या फर्क पड़ता है। हमने कभी समय नहीं मांग। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह भी उपलब्ध नहीं हैं। मैं संविधान पीठ में हूं। मुझे एक सप्ताह का समय दिया जाएं। पीठ ने नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वह इस मामले को टालने की इच्छुक नहीं है। पीठ ने कहा कि आपने पहले कहा था कि मामले की सुनवाई नहीं हो रही है। यह अनावश्यक है, हम आपको छूट नहीं दे सकते। हालांकि कोर्ट ने सुनवाई आगे के लिए टाल दी हैं।
बता दें सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उमर खालिद ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि हिंसा में उसकी न तो कोई आपराधिक भूमिका थी और न ही मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ कोई संबंध था। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट में उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उनके द्वारा दिया गया भाषण बहुत उत्तेजित था। उन्होंने बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों के दमन और सीएए और एनआरसी जैसे विवादास्पद मुद्दों को उठाया था।
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