मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि 11 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले गोरखपुर महोत्सव में गोरखपुर के इतिहास पर आधारित प्रदर्शनी लगाई जाए। इसमें गोरखपुर पर केंद्रित विशिष्ट लेखों को लोगों के अवलोकनार्थ रखा जाए। साथ ही लुप्त हो रहे पारंपरिक वाद्य, गायन व नृत्य कलाओं को महोत्सव के जरिये प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाएं।
सीएम योगी सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर के सभाकक्ष में गोरखपुर महोत्सव, खिचड़ी मेला की तैयारियों और जिले के विकास कार्यों की प्रगति को लेकर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। गोरखपुर महोत्सव और खिचड़ी मेला की अब तक हुई तैयारियों की जानकारी लेने के बाद उन्होंने कहा कि जो भी कार्य शेष रह गए हैं, उन्हें शीघ्रता से पूरा कर लिया जाए।
महोत्सव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत वर्षों के महोत्सव में जो कलाकार प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं, उनकी बजाय नए स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाए। महोत्सव के स्टालों का उद्घाटन जनप्रतिनिधियों से कराया जाए। खिचड़ी मेला को लेकर उन्होंने कहा कि इस मेला में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने आते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा, सुविधा और सहूलियत में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए।
विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सभी कार्यों में गुणवत्ता और समयबद्धता का ध्यान हर हाल में रखा जाए। मुख्यमंत्री ने शीतलहर में आमजन की सुविधा के लिए पर्याप्त संख्या में अलाव जलवाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में स्थान चिन्हित कर अलाव के इंतजाम किए जाएं।
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