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गोरखपुर बनेगा बायो फ्यूल एथेनॉल उत्पादन का हब

केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार बायो फ्यूल (जैव ईंधन) पर खासा जोर दे रही हैं। इस लिहाज से एथेनॉल को एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। एथेनॉल उत्पादन के लिए योगी सरकार की प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप यूपी देश का नम्बर वन एथेनॉल उत्पादक राज्य बन चुका है। राज्य के एथेनॉल उत्पादन में अब गोरखपुर भी बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। जिले में एक बड़े एथेनॉल प्लांट का मुख्यमंत्री के हाथों उद्घाटन होने जा रहा है। दो और प्लांट आने वाले दिनों में योगदान देने के लिए तैयार हो जाएंगे। एक ही जिले में तीन स्थानों पर एथेनॉल उत्पादन होने से गोरखपुर, पूर्वी उत्तर प्रदेश एथेनॉल उत्पादन का हब बनकर उभरेगा।
ग्रीन एनर्जी के केंद्र के रूप में उभर रहा गोरखपुर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा गोरखपुर को ग्रीन एनर्जी के नए केंद्र के रूप में विकसित करने की है। इसी क्रम में योगी सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीति से गोरखपुर में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा एथेनॉल प्लांट गीडा के सेक्टर 26 में बनकर तैयार हो चुका है। 1200 करोड़ रुपये की यह निवेश परियोजना मेसर्स केयान डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड की है। इसके प्लांट का शिलान्यास 12 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था और अब 6 अप्रैल को उद्घाटन भी उन्हीं के हाथों प्रस्तावित है। केयान डिस्टिलरी के प्रबंध निदेशक विनय सिंह बताते हैं कि उनकी डिस्टिलरी में अनाज (चावल और मक्का) आधारित एथेनॉल का उत्पादन शुरू हो गया है। प्रथम चरण में 3 लाख लीटर प्रतिदिन की उत्पादन क्षमता का प्लांट क्रियाशील किया गया है। तीन चरणों में इसके विस्तार के बाद कुल उत्पादन क्षमता 10 लाख लीटर प्रतिदिन की हो जाएगी। एथेनॉल की खपत के लिए इंडियन ऑयल के साथ केयान का पहले ही एमओयू हो चुका है। इस प्लांट ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से चार हजार लोगों के लिए रोजगार का मार्ग भी प्रशस्त किया है।

योगी सरकार की पहल पर पिपराइच चीनी मिल में भी एथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। एथेनॉल उत्पादन के लिए प्लांट लगाने को सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 90 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी है। इस डिस्टिलरी की उत्पादन क्षमता 60 हजार लीटर प्रति दिन होगी। यहां गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने वाले प्लांट की स्थापना की जा सकती है। इस चीनी मिल में एथेनॉल उत्पादन होने से किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान और त्वरित हो सकेगा।

जिले के धुरियापार में भी आने वाले दिनों में एथेनॉल का उत्पादन होगा। यहां सरकार की पहल पर इंडियन ऑयल की बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स की परियोजना मूर्त हो रही है। इस परियोजना के पहले चरण में 165 करोड़ रुपये की लागत से कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) का प्लांट लोकार्पित हो चुका है। बायो फ्यूल कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में एथेनॉल का उत्पादन होगा।

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