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बजट को देखकर एन डी ए सरकार बताए की चीन के साथ क्या रिश्ता है

मीडिया विभाग चेयरमैन पूर्व मंत्री डा.सी पी राय ने कहा कि ‘‘स्टार्ट अप इंडिया’’ और ‘‘मेक इन इंडिया’’ का शिगूफा छोड़ने वाली मोदी सरकार ने बेतहासा बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के दौर में पेश किये गये बजट में चीन के साथ अत्यंत नमी बरतते हुए बहुत सारे प्रोडक्ट पर ‘‘आयात शुल्क’’ या तो समाप्त कर दिया है या ना के बराबर कर दिया है। डॉ0 राय ने कहा कि देशवासी जानना चाहते हैं मौजूदा ‘‘भारत चाइना सीमा विवाद’’ के बीच आरएसएस, बीजेपी और एनडीए सरकार का चाइना के साथ क्या रिश्ता है?

एनडीए सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए पूर्व मंत्री डॉ0 राय ने कहा कि कड़वी सच्चाई यह है कि इस आर्थिक लाभ का प्रयोग चीन भारत के ही खिलाफ हमारी सीमाओं पर कब्जे और षड्यंत्र के लिए कर रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण में स्पष्ट हुआ है कि वर्ष 2023-24 में भारत व चीन के बीच द्विपक्षीय कारोबार 118 अरब डॉलर के करीब है। जिसमें भारत से चीन को होने वाला निर्यात सिर्फ तकरीबन 17 अरब डॉलर का है। इस तरह से भारतीय व्यापार घाटा 84 अरब डॉलर से ज्यादा का हो चुका है। वहीं आज चीन हमारी भारतीय सीमाओं के अंदर करीब 6000 किलोमीटर जमीनों पर जबरन कब्जा भी कर चुका है, जहां पर चीन पुल सड़क बना रहा है और बस्तियां बसाने के साथ ही अपनी फौजी छावनी बनाने में लगा हुआ है।

मीडिया विभाग के चेयरमैन डा. राय ने कहा कि मौजूदा बजट में चीन को आयात शुल्क में भारी कटौती दे कर भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाया गया है। इसके दुष्परिणाम भी बहुत जल्द ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले हैं। श्री राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी समेत विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि चीन की विशाल अर्थव्यवस्था के सामने अकेले भारत अपने दम पर खड़ा नहीं हो सकता है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी गलवान घाटी में करीब दो दर्जन भारतीय सैनिकों की शहादत होने के बावजूद दुर्भाग्यपूर्ण बयान पहले ही दे चुके है कि ‘‘ना कोई आया है, ना कोई घुसा है’’। इसप्रकार प्रधानमंत्री मोदी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी चीनी घुसपैठ से इनकार करके उसको को क्लीन चिट भी दे चुके हैं। मोदी सरकार और आरएसएस प्रतिनिधिमंडल का चीन दौरा और चीन के प्रतिनिधि मंडल का आरएसएस हेड क्वार्टर में आवागमन जैसी प्रमुख खबरें पिछले एक दशक से मीडिया में भी लगातार दिखाई दे रही।

मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ0 सी0पी0 राय ने कहा कि बीजेपी और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीसीपी) के बीच क्या रिश्ते है? यह बताना चाहिए वहीं नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान चार बार और प्रधानमंत्री बनने के बाद 5 बार चीन का दौरा क्यों किया? इसके अलावा पीएम मोदी ने भारत में चीनी प्रधानमंत्री की तीन बार आवभगत की। क्या नरेंद्र मोदी इकलौते ऐसे पीएम नहीं हैं, जिसने 6 साल में चीन के प्रधानमंत्री से 18 बार मुलाकात की? क्या मौजूदा बजट में चीनी प्रोडक्ट पर आयात शुल्क घटाना, चीनी बाजार को भारतीय अर्थव्यवस्था पर काबिज कराने के पीछे क्या पीएम मोदी की झूला डिप्लोमेसी काम आई है?

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