लखनऊ। (Lucknow News) सपा नेता विनय शंकर तिवारी के लखनऊ स्थित दफ्तर व कई अलग-अलग शहरों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की है। ये छापेमारी तिवारी की गंगोत्री एंटरप्राइजेज के द्वारा 1100 करोड़ के लोन में की गई हेराफेरी को लेकर की जा रही है। ईडी ने लखनऊ, गोरखपुर, अहमदाबाद, गुरुग्राम और गौतमबुद्धनगर के 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। गोरखपुर में विनय तिवारी के घर और लखनऊ में महानगर स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज के दफ्तर पर छापेमारी की गई है। (Lucknow News)
दरअसल, विनय शंकर व उनकी कम्पनी द्वारा लिए गए बैंक लोन के बारे में बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ की टीम तीन साल पहले आई थी। यहां की सम्पत्ति की जानकारी करके लौट गई थी। जालसाजी के मामले में 2020 में पहले सीबीआई की एंट्री हुई बाद में यानी 2021 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से 750 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। एजेंसी के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत चिल्लूपार (गोरखपुर) से पूर्व विधायक व लखनऊ स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की थी। ईडी ने विनय, उनकी पत्नी रीता, गंगोत्री इंटरप्राइजेज सहित अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआईआर के आधार पर यह केस दर्ज किया था। सीबीआई ने मामले में शिकायत दर्ज करने के बाद लखनऊ और नोएडा में छापे मारे थे। कथित धोखाधड़ी बैंक ऑफ इंडिया नीत बैंकों के समूह के खिलाफ की गई, जो 754.25 करोड़ रुपये की बताई गई थी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत हरिशंकर तिवारी के घर ईडी सुबह पांच बजे पहुंच गई। छापा में किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा बल ने तिवारी अहाता को घेरे लिया। हरिशंकर तिवारी के बेटे बसपा से चिल्लूपार पर से पूर्व विधायक वर्तमान में सपा नेता विनय शंकर तिवारी, बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी संत कबीर नगर से सांसद रहे हैं। डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) के मुताबिक फर्म मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड व अन्य ने अलग-अलग सात बैंकों से 1129 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। इन फर्मों के कर्ताधर्ता पूर्व विधायक व उनके सगे-संबंधी हैं। ज्यादातर बैंक अकाउंट नान परफार्मिंग एसेट (एनपीए) में चले गए हैं। बैंक अकाउंट भी बंद किए जा रहे हैं। इस मामले में डीआरटी ने एक जुलाई 2019 को पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी सहित 33 सगे-संबंधियों के खिलाफ समन जारी किया था, फिर अलग-अलग समय पर मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड व अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा था। डीआरटी के पास जो मामला पहुंचा था, उसके मुताबिक पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी व अन्य ने सबसे ज्यादा ऋण बैंक ऑफ इंडिया से लिया है। इसी मामले में कार्रवाई चल रही है।
जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि पिछले साल इसी मामले में जांच एजेंसी की लखनऊ जोन की टीम के ओर से करीब 72 करोड़ से ज्यादा की कई चल-अचल संपत्तियों को अटैच किया गया था। अटैच की गई संपत्ति लखनऊ, महाराजगंज और गोरखपुर में हैं। जांच एजेंसी की तरफ से पिछले साल करीब 27 प्रॉपर्टी को अटैच किया गया था, जिसमें कृषि और कमर्शियल जमीन के अलावा कई आवासीय भवन भी शामिल हैं। अटैच की गई प्रॉपर्टी की सरकारी वैल्यू 72 करोड़ है, हालांकि उसका आज की तारीख में मार्केट रेट कई गुना है। हालांकि, हरिशंकर तिवारी का पिछले साल की निधन हो गया था। उनके बेटे फिलहाल उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी चर्चित नेता हैं। समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने से पहले विनय शंकर बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के नेता रह चुके हैं। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक ये सर्च ऑपरेशन उत्तर प्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर, हरियाणा के गुरुग्राम, गुजरात के अहमदाबाद में अंजाम दिया जा रहा है। यानि तीन राज्यों में 23 फरवरी को ये छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया गया और सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों को इकट्ठा किया गया।